जरा संभल कर चला करो।
जरा संभल कर चला करो।
दुनिया का बाजार है ,
जरा संभल कर निकला करो ।
बहुत भीड़ में रास्ते में,
जरा आहिस्ते से चला करो ।
हर इंसान यहां आगे बढ़ने की होड़ में है,
किसी को गिरा कर,
आगे ना बढ़ा करो।।
ख्वाहिशों की बहुत दुकानें सजी हैं,
जरा सोच समझ कर ,
ख्वाहिश किया करो ।
यहां लोग नजरें भी मिलाते हैं,
बहुत सोच समझ कर,
तुम तपाक से किसी के हाथों को
अपने हाथ में न लिया करो।
मिलती नहीं मोहब्बत,
यहां हर किसी के पास,
सबसे मोहब्बत की,
गुजारिश ना किया करो।
दुनिया का बाजार है जरा संभल कर चला करो।।
