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usha shukla

Inspirational

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usha shukla

Inspirational

जरा संभल कर चला करो।

जरा संभल कर चला करो।

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दुनिया का बाजार है ,

जरा संभल कर निकला करो ।

बहुत भीड़ में रास्ते में,

 जरा आहिस्ते से चला करो ।


हर इंसान यहां आगे बढ़ने की होड़ में है,

 किसी को गिरा कर,

 आगे ना बढ़ा करो।।


 ख्वाहिशों की बहुत दुकानें सजी हैं,

 जरा सोच समझ कर ,

ख्वाहिश किया करो ।


यहां लोग नजरें भी मिलाते हैं,

 बहुत सोच समझ कर,

तुम तपाक से किसी के हाथों को

अपने हाथ में न लिया करो।


मिलती नहीं मोहब्बत,

 यहां हर किसी के पास,

 सबसे मोहब्बत की,

 गुजारिश ना किया करो।


 दुनिया का बाजार है जरा संभल कर चला करो।।



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