जो तुम कह ना पाओ
जो तुम कह ना पाओ
जो तुम कह ना पाओ
वो आँखे कह देती हैं
जो तुम कह ना पाओ
वो तेरी कलम बयाँ कर देतीं है
जो तुम कह ना पाओ
वो तेरी धड़कन कह देती है
जो तुम कह ना पाओ
वो हवाएं बता जाती हैं
जो तुम कह ना पाओ
वो तेरी हँसी बता देती है
जो तुम कह ना पाओ
वो चांदनी बयाँ कर देती है
जो तुम कह ना पाओ
वो सागर की लहरें बता देती हैं
जो तुम कह ना पाओ
वो सूरज की किरणें कह देती हैं
जो तुम कह ना पाओ
वो रात का सन्नाटा बयाँ करता है
जो तुम कह ना पाओ
ये दरों दीवारे बयाँ करती हैं ।
