STORYMIRROR

Priti Rai

Classics

4  

Priti Rai

Classics

जन्मदिन पर कविता

जन्मदिन पर कविता

1 min
351

निकलती हैं दिल से दुआएँ

देते हैं आपको

ढेर सारी शुभ-कामनाएँ


ईश्वर की छाया

सदा बनी रहे सर पर

कोई सीमा ना हो

अनंत हो

जैसा है ये नीला अंबर


सूरज सा तेज हो मुख पर

चंद्रमा सा शीतल मन

रंगीन इन्द्रधनुष जैसा

रंगों से भरा हो जीवन


सोच प्रबल हो

उसमे गहराई हो सागर जैसी

इर्शा और क्रोध इन गुणों से

आप रहो अंजान

वाणी इतनी मीठी हो

जितनी मधुर है

कान्हा के बंसी की तान


दुख का हर पतझड़

जल्दी से छत जाए

और जीवन में आपके सदा

खुशियों की हरियाली छाये ! 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics