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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Abstract Crime Inspirational

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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Abstract Crime Inspirational

जमाने रहेंगे

जमाने रहेंगे

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सखे रूठने के बहाने रहेंगे

न तेरे मिरे ये ज़माने रहेंगे


 न दूरी दिलों में ठहर पायगी फिर 

क़रीब सनम के ठिकाने रहेंगे


मिले घाव जितने जहां से हमें सब 

हरे ज़ख्म चुभते पुराने रहेंगे..


करें न मन की किसी की अगर हम

लबों पर मिरे ही फ़साने रहेंगे.. 


दिली बात दिलबर सुनो गौर से तुम 

सदा से तिरे हम दिवाने रहेंगे.. 


यक़ीं मानिये आप ग़र साथ दोगे

तिरे संग मौसम सुहाने रहेंगे।


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