जल की कीमत कब समझेंगे
जल की कीमत कब समझेंगे
जल की कीमत कब समझेंगे, हम पागल इंसान।
धरती जब ये हो जाएगी, जल के बिना सुनसान।।
जल से ही तो कल है बन्दा,
जल के बिना कौन है जिन्दा।
जल ही हम सबके हैं जीवन,
जल है निर्मल जल ही पावन।
बूंद- बूंद में अमृत है, हर बूंद में इसके है प्राण।
जल की कीमत कब समझेंगे, हम पागल इंसान।।
जल है तभी तो कल है बन्दा,
जल को कभी करो नहीं गन्दा।
जल के बिना हलचल है जान,
जल के बिना बचे नहीं प्राण।
जल की शीतलता से होता तृप्त यहाॅं इंसान।
जल कीमत कब समझेंगे हम पागल इंसान।।
