STORYMIRROR

जल छवि

जल छवि

1 min
13.8K


मेरी कविता की डायरी के

कोने में तुम्हारी तस्वीर

धुंधली सी अब भी है,

वो दो काजल भरी आँखें

बह जायें काज़ल

बहते-बहते

सूख जाये जम जाए

तेज़ तुम्हारा जब

आसमान में

समा जाये तब

बादल बरसें सावन हो

बह जाये उसमें

मेरी डायरी,

तब भी तुम्हारें होने का

एहसास रहे

मेरे मन की गहराइयों में

और तुम्हारे एहसास की

नाव तैरती रहे।


Rate this content
Log in

More hindi poem from Tapobrata Dey

Similar hindi poem from Romance