जिन्न
जिन्न
बोतल को निहारना
दिन प्रतिदिन
आस की टकटकी,
किसी रोज़
निकल आयेगा जिन्न
पूछेगा मुझसे
क्या हुक्म है?
बताऊंगी उसे हर वो काम
जो अधूरा रह गया।
बोतल को निहारना
दिन प्रतिदिन
आस की टकटकी,
किसी रोज़
निकल आयेगा जिन्न
पूछेगा मुझसे
क्या हुक्म है?
बताऊंगी उसे हर वो काम
जो अधूरा रह गया।