जिंदगी...
जिंदगी...
दिल को फिर से गुमनाम
जिन्दगी जीने की
इच्छा है...
थक गया हूँ बहुत मैं अब
आराम करने की
इच्छा है....
किसी का साथ किसी का
हाथ कोई काम नही
आया है मेरे....
दिल को फिर से भटकते
हुए रास्ते पर जाने की
इच्छा है.....
दिल को फिर से गुमनाम
जिन्दगी जीने की
इच्छा है...
थक गया हूँ बहुत मैं अब
आराम करने की
इच्छा है....
किसी का साथ किसी का
हाथ कोई काम नही
आया है मेरे....
दिल को फिर से भटकते
हुए रास्ते पर जाने की
इच्छा है.....