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हमराही The stranger...

Abstract

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हमराही The stranger...

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लहजा...

लहजा...

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लफ़्ज़ नही जनाब

मुझे लहजा चुभ जाता है

दिल का दर्द 

छुपाए से कहां छुपता है

प्यार की बातों का एतबार क्या करना

ये प्यार ही तो सब की 

आखों मे चुभता है!



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