जिंदगी
जिंदगी
जिंदगी खिलखिलाने में है
मुँह लटकाने में नहीं है
जो यहाँ खिलखिलाते है
वो ही मंजिल को पाते है
जिंदगी मुस्कुराने में है
आंसू बहाने में नहीं है
वो ही खुशबू को पाता है
शूलों संग खिलता जाता है
जिंदगी समस्या से लड़ने में है
समस्या से भागने में नहीं है
झरना वही बनता है
जो पत्थरों से लड़ता है
जिंदगी संघर्ष करने में है
व्यर्थ के रोने-धोने में नहीं है
एक प्यारी सी मुस्कान,
समस्या की ले लेती जान,
जिंदगी हंसने-चहचहाने में है
आंसू में डुबोने के लिये नहीं है
