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Amit Kumar

Inspirational

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Amit Kumar

Inspirational

ज़िंदगी में....

ज़िंदगी में....

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ज़िंदगी में बहुत कम

लोगों पर ऐतबार किया है

या यह कहूं कि

बहुत कम लोग है

जिनसे प्यार किया है

वो जैसे है ज्यों है

वैसे ही उन्हें स्वीकार किया है

ज़िंदगी में बहुत कम

लोगों पर ऐतबार किया है


उन्होंने हमेशा एहसास

कराया है अपने ही होने का

मेरे होने के वजूद को

हमेशा ही अस्वीकार किया है

वो बदलते रहे पल - पल

मैं संजोता रहा उनको पल -पल

इस बदलने संजोने में

मैंने ही खुद को

खुद में मार सा लिया है


ज़िंदगी में बहुत कम

लोगों पर ऐतबार किया है

या यह कहूं कि

बहुत कम लोग है

जिनसे प्यार किया है

वो जैसे है ज्यों है

वैसे ही उन्हें स्वीकार किया है

ज़िंदगी में बहुत कम

लोगों पर ऐतबार किया है


आज फिर वो

छलने आये है मुझ को

कहते है मुझे सौंपने

आये है खुद को

मैंने मुस्कुराहट में

बस इतना कह दिया

क्यों आपने दिल के

ज़ज़्ब ज़ज़्बातों को

सरे बाज़ार यूँ नीलाम किया है

वो ताकने लगे मुझ को

घूरने लगे मुझ को

ऐसा क्या कहा मैंने

जिस पर उन्होंने

वापसी के लिए रुख अपना

यूँ अख़्तियार किया है


ज़िंदगी में बहुत कम

लोगों पर ऐतबार किया है

या यह कहूं कि

बहुत कम लोग है

जिनसे प्यार किया है

वो जैसे है ज्यों है

वैसे ही उन्हें स्वीकार किया है

ज़िंदगी में बहुत कम

लोगों पर ऐतबार किया है



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