जिंदगी जिओ बिंदास।
जिंदगी जिओ बिंदास।
किसका गम, क्यों है गम।
जिंदगी जिओ बिंदास।
यूँ रहो न उदास।
बनाओ नदियों-सा बहता जीवन,
रखो सूर्य-सा जगमगाता वैभव।
हर धड़कन को जी लो,
हर लम्हे को पीलो।
आगे बढ़ो,बस बढ़ो ,
और बढ़ते ही रहो।
परिंदों की भाँति
आसमान की नई उड़ान भर लो।
स्वअस्तित्व की पहचान कर लो।
जीत का जज़्बा रखो,
बस खुद पर पूरा यकीन रखो।
फिर न हौंसला टूटेगा ,
न आत्मविश्वास रुठेगा।
न स्वप्न टूटेगा ,
न नेक इरादा छूटेगा।
हवाओं का रुख बदलेगा।
फिर वक्त सिर्फ आपके साथ होगा।
मान-सम्मान ,सुख- समृध्दि का वरदान होगा।