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Tarraar Katiyar

Drama

4.3  

Tarraar Katiyar

Drama

जिन नैनो में सपने बसे

जिन नैनो में सपने बसे

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जिन नैनों में सपने बसे,

दूजा बसे तो बसे कैसे,

ऐसी लगन लगी पूरा करने की,

कोई और लगन लगे तो लगे कैसे।


हर पल सपने को जियूँ,

नींदे पूरी करूँ तो करूँ कैसे,

सपना पूरा करने का सपना देखूँ,

रात दिन पता चले तो चले कैसे।


दिल में सपने सजे,

कुछ और सजाऊँ तो सजाऊँ कैसे,

मन में एक ही ख्याल चले,

सपना पूरा करूँ तो करूँ कैसे।


जिन नैनों में सपने बसे,

दूजा बसे तो बसे कैसे।


जब यारी हो गई सपने के साथ,

किसी और को यार बनाऊँ तो बनाऊँ कैसे,

दिनभर सपने को याद करूँ,

इस जगती आश को तोडूँ तो तोडूँ कैसे।


ठान लिया जब सपने पूरे करने का,

मैं थकूं तो थकूं कैसे,

कर संकल्प लिया अपने सपने साकार करने का,

फिर पीछे मुड़के देखूँ तो देखूँ कैसे।


जब कदम उठा ही लिया,

अब बढ़ते कदम रोकूँ तो रोकूँ कैसे,

जिन नैनों में सपने बसे,

दूजा बसे तो बसे कैससे


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