जो तू ना होता
जो तू ना होता
जो तू ना होता,
तो जिन्दगी में,
जीने का मजा ना होता।
ऐ सपने अगर तू ना होता,
तो तुझे पूरा करने का,
आज दिल में कोई ख्याल ना होता।
मैं तुझमें अपने आपको ना खोता,
यह रात और दिन ना होता,
तो मैं ना सोता, जो तू ना होता।
तो जिन्दगी में जीने का मजा ना होता,
अगर लोगों ने मुझे खाक ना किया होता,
मेरा कोई सपना राख ना होता।
मेरे सपने को किसी ने बकवास ना कहा होता,
तो मेरा भी हर सपना साकार हुआ होता,
कोई टूटा ना होता, जो तू ना होता
तो ज़िंदगी में जीने का मजा ना होता।
हर सपना पूरा ना होता,
अपनों से दूर जाने का गम ना होता,
तो मंज़िल को पाने का ख्व़ाब ना होता।
मुक़ाम हाँसिल ना होता,
अगर यारों का साथ ना होता,
जो तू ना होता,
तो ज़िन्दगी में ज़ीने का मज़ा ना होता।
मैं ठहरा ना होता,
अगर किसी ने टोका ना होता,
हद से ज्यादा तेरा नशा ना होता,
जुनून सर चढ़ा ना होता।
तो मैं जी-जान से लगा ना होता,
जो तू ना होता,
तो ज़िन्दगी में ज़ीने का मज़ा ना होता।