जीवन के सुख
जीवन के सुख
जीवन के सुख का अलग अलग है पैमाना।
किसी के लिए भरा भंडार हो पैसों का मगर फिर भी
पैसों की भूख ना हो पूरी वह ना कभी सुखी होगा।
किसी के लिए सूखी रोटी नमक के साथ मगर मिली
सुकून से वह पूरा संपूर्ण सुखी होगा।
कहीं जिंदगी सुख सुविधाओं से भरपूर
मगर दिल भी अकेला नासुख भोग रहा है।
कहीं एक छोटे से मकान में पूरा परिवार
एक साथ शांति और सुकून से जी रहा
और जिंदगी का असली सुख भोग रहा है ।
पहला सुख निरोगी काया।
दूसरा सुख है अपनों का साया।
तीसरा सुख है संतुष्टि जिसने यह सब पाया।
उसने जिंदगी में हमेशा सुख पाया।