जीवन के रंग
जीवन के रंग
थोड़ी सी खुशियां और थोड़े से गम
इसको ही जीवन कहते हैं हम
कभी पूनम का चांद है, कभी अमावस की रात है
कभी ग्रहण लगा मुस्कान पर, कभी खुशियों की बारात है
कभी झूमता सावन है, कभी आंसुओं की बरसात है
कभी अकेले रह गए, कभी साथियों का साथ है।
कभी फूलों की खुशबू है, कभी शूलों की डगर है
कभी उमंगों की प्रभात है, कभी निराशा की सहर है
कभी अमृत सी शीतल, कभी जेठ की तपती दोपहर है
कभी रोशनी से भर दे, कभी लाती घोर अंधेर है।
कभी रास्ते पर रह गए, कभी मंजिल के पास हैं
कभी दामन में सब कुछ है, कभी अंतहीन तलाश है
कभी सूनी बेरंगी सी, कभी उत्साह का पलाश है
कभी मझधार में कश्ती है, कभी साहिल का विश्वास है।
इन सबका संगम कहलाता है जीवन
मनुष्य अपने कर्मो से बनाता है जीवन।
