जीवन - एक कठिन परीक्षा
जीवन - एक कठिन परीक्षा
जीवन को न समझा मैंने जीवन को न परखा,
जीवन को आज जाना मैंने उठ गया इससे बुरखा।
हसी मजा़क खेल खूद में कर दिया जीवन व्यतीत,
अब क्या रोना जब पीछे छूट गया अतीत।
कुछ न करने पर भी करते हैं फल की प्रतीक्षा,
आज समझ में आया जीवन ही है सबसे कठिन परीक्षा।
जीवन की परीक्षा जिसने कर ली पार,
उसकी हो रही है हर जगह जयजयकार।
जीवन की परीक्षा में जो हो गया फेल,
उसकी ज़िंदगी बनके रह गई एक भद्दा खेल।
जीवन तो एक गीत है हास्य से इसे सजा लो,
खुशी हो या गम प्यार से मुस्कुरा लो।
जीवन में जो मिल गया करो उसका सत्कार,
खो जाए कुछ भी अगर दीजिए उसे बिसार।
काँटों की शय्या भी है फूलों का उद्यान,
जैसा भी तूम समझोगे जीवन उसी समान।
जीवन में वही मिलता है जो लिखा तकदीर में,
कौन जाने क्या लिखा इस भाग्य की लकीर में।
लेखा भाग्य का अटल है बदल सके न कोए,
कोशिश कुछ भी कीजिए जो होना सो होए।