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Gangotri Priyadarshini

Abstract

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Gangotri Priyadarshini

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जीवन आनंद

जीवन आनंद

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खुबसूरत है ये जीवन

हर पल खेले 

दुनिया के आंगन में

हारियाली उपवन

सोना उगे धरती पर

हवा की ठंडी लहर

हे प्रकृति माता सत सत नमन !!


कोयल की मीठी बोली

तितलियां उडे चहक चहक

घर घर बच्चों की किलकारी

रिश्ते जुडें महक महक !!!


नदियां झरनें और सागर

पहाड़ जंगल और सरोवर

देश की कोना कोना

जहां सबको इंसानियत का फर्मान

हर दिल तक पहुंचे

दुआ से भरी हो नया वरदान !!!


जीवन चलने की नाम

चलती रहे जीवन तमाम

जन्म से मृत्यु की और

रह रह रच अपना जीवन स्वांग

आनंद विभोर कर दुनिया अपने ही रंग !!!



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