जीत
जीत
साहस धैर्य अडिगता लेकर ,
जो जीवन पथ पर चलता है।
होती जीत उसी की जो भी ,
आलस व्यसन क्रोध तजता है ।।
घेरते सभी को जीवन मे ,
घन वाधाओ के आकर घोर ।
कंटक मग के जो हटा चले ,
आती उन्नति की नव हिलोर ।।
अति शीघ्र चाहते जो बैभव ,
वह अनुचित करते रहे काम।
मिटते वह क्षणिक जीत मे ही,
होता उनका बदनाम नाम ।।
जीते हम सबके ह्रदय सदा,
हो नही किसी से कुछ दुराव।
शाश्वत है जीत यही जग मे ,
बन्धुत्व पूर्ण हो नगर गांव ।।