Vivek Maurya
Inspirational
जीत की चाह
न हो जननियों, अब सुता-भ्रूण हत्या वचन देके खुद को अडिग हो निभाएँ। न हो जननियों, अब सुता-भ्रूण हत्या वचन देके खुद को अडिग हो निभाएँ।
एक संदेश पहुंचे सबके पास, तनाव मुक्त रहे घर संसार। एक संदेश पहुंचे सबके पास, तनाव मुक्त रहे घर संसार।
नारी है इज्ज़त घर की पर अक्सर इज्जत उसे, देना भूल जाते हैं,, नारी है इज्ज़त घर की पर अक्सर इज्जत उसे, देना भूल जाते हैं,,
हर एक सैनिक वीर होता है वह सरहद पर रक्षा करता है। हर एक सैनिक वीर होता है वह सरहद पर रक्षा करता है।
पूजी जाती थी सदियों से नारी जहाँ मुझे आज फिर वही हिंदुस्तान चाहिए। पूजी जाती थी सदियों से नारी जहाँ मुझे आज फिर वही हिंदुस्तान चाहिए।
मैं सोचती हूं कई बार इस देश को क्या दूं .. जिसने मुझे दिये हैं ये पावन धरती के उपहार। मैं सोचती हूं कई बार इस देश को क्या दूं .. जिसने मुझे दिये हैं ये पावन धरती...
सोचने भर से कुछ नहीं होगा कि.... सब भला करेंगे अपने सृजनहार ! सोचने भर से कुछ नहीं होगा कि.... सब भला करेंगे अपने सृजनहार !
फल मिठा ही होगा, बस ये सोचो मेरे यारो कुछ नया हो तो क्या होगा। फल मिठा ही होगा, बस ये सोचो मेरे यारो कुछ नया हो तो क्या होगा।
खुद भी उस जैसा बनने की कोशिश करेंगे, और अच्छे माहौल में बड़े होकर उज्ज्वल भविष्य बनाएं खुद भी उस जैसा बनने की कोशिश करेंगे, और अच्छे माहौल में बड़े होकर उज्ज्वल भवि...
तन भी ढोना है मन भी ढोना है , ज़िन्दगी का सफर ऐसा ही होना है। तन भी ढोना है मन भी ढोना है , ज़िन्दगी का सफर ऐसा ही होना है।
वक्त वक्त की बात है कभी ग़म तो कहीं खुशियों की बरसात। वक्त वक्त की बात है कभी ग़म तो कहीं खुशियों की बरसात।
हम सभी को जिंदगी में ना जाने कितनी, परिक्षाओं से नित्य गुज़रना पड़ता है ! हम सभी को जिंदगी में ना जाने कितनी, परिक्षाओं से नित्य गुज़रना पड़ता है !
आ रहा क्रिसमस, भगवान यीशू का जन्मदिन, हम सब जिंगल वैलज जिंगल वैलज गांएगे। आ रहा क्रिसमस, भगवान यीशू का जन्मदिन, हम सब जिंगल वैलज जिंगल वैलज गांएगे।
सोचे मानव समाज एक बार पुनः छोड़के भेदभाव का मानसिक विकार। सोचे मानव समाज एक बार पुनः छोड़के भेदभाव का मानसिक विकार।
कुंठित मन की अभिलाषा गर पूरी न हो अंतिम क्षण तक। कुंठित मन की अभिलाषा गर पूरी न हो अंतिम क्षण तक।
वर्षों से ये रह रहे उपेक्षित उनका भी तो कल्याण करो ! वर्षों से ये रह रहे उपेक्षित उनका भी तो कल्याण करो !
एक आत्मविश्वास का नूर लिए सुदृढ़ सफल नारी की छवि जब मुझे है दिखती ! एक आत्मविश्वास का नूर लिए सुदृढ़ सफल नारी की छवि जब मुझे है दिखती !
सप्त रंग की सात अनुपम दीप्त आभा ही , अपने अंतस की सारी घोर निराशा हरती है ! सप्त रंग की सात अनुपम दीप्त आभा ही , अपने अंतस की सारी घोर निराशा हरती है !
प्राण सभी में भर देती तू तेरी महिमा का क्या गुण गान मैं गाऊँ।। प्राण सभी में भर देती तू तेरी महिमा का क्या गुण गान मैं गाऊँ।।
धन्य जन्म हो जायेगा कभी आइए न बिहार में।। धन्य जन्म हो जायेगा कभी आइए न बिहार में।।