जीना सीख़ लिया
जीना सीख़ लिया
आख़िर तुमने सीख़ लिया जीना,
मेहनत करना , बहाना पसीना
मटरगस्ती और आलस में क्या,
सुरज सिर चढनेतक सोना क्या,
कोई कबतक तुम्हे खिलायेगा,
हट्टेकट्टे को जीवनभर संभालेगा,
अपनी जरुरतों को समजो बशर,
नहीं तो तनमन होगा बुरा असर
अच्छा हुआ तुमने समझ लिया,
इज्जत से जीना सीख़ लिया।