Chetan Gondaliya
Inspirational
बड़े हो कर खारे,
क्यूँ कर बन जाएं ?
हो कर छोटे, मीठे
बहना अच्छा !
बड़ाई-दंभ का
लवण-सागर
क्यूँ कर बने??
इससे बेहतर
लगे मर कर
सूखना अच्छा !!
माँ प्रकृति के प्यारे
हम झरने न्यारे ।
निवृत्त सेनान...
सबसे सच्चा और...
सफर जारी है.....
सूख लगे...
फ़ुरसत
समय बहरा होता...
जरूरी था...
सीख लो..
किये होंगे...
हां मुश्किलों से डरता हूं, मुश्किलों पर बिगड़ता हूं, हां मुश्किलों से डरता हूं, मुश्किलों पर बिगड़ता हूं,
अभिनंदन का वंदन हो राष्ट्र प्रेम का नंदन हो। अभिनंदन का वंदन हो राष्ट्र प्रेम का नंदन हो।
लम्हे जिंदगी के कभी दोस्तों से मिलते, लम्हे जिंदगी के कभी दुश्मनों से भी मिलते लम्हे जिंदगी के कभी दोस्तों से मिलते, लम्हे जिंदगी के कभी दुश्मनों से भी मिलते
और वास्तव में चेतक घोड़े ने राणा प्रताप की लाज रखी पूरी स्वामी भक्ति निभाई। और वास्तव में चेतक घोड़े ने राणा प्रताप की लाज रखी पूरी स्वामी भक्ति निभाई।
होकर सहज जज़्बाती मुश्किल से डटकर लड़ा। होकर सहज जज़्बाती मुश्किल से डटकर लड़ा।
रहूं दुनिया के नज़रो में कुछ भी पर अपने परिवार का मैं लाडली हूँ. रहूं दुनिया के नज़रो में कुछ भी पर अपने परिवार का मैं लाडली हूँ.
पूजो देवी देवता , चाहें पीर फकीर मन चंगा करते नहीं , बने नहीं गंभीर। पूजो देवी देवता , चाहें पीर फकीर मन चंगा करते नहीं , बने नहीं गंभीर।
देश भक्ति का जोश भर देगी जो सुन ले उनकी गाथा। देश भक्ति का जोश भर देगी जो सुन ले उनकी गाथा।
बचपन में रूठने पर सभी मांग पूरी होने का काल है होता बचपन में रूठने पर सभी मांग पूरी होने का काल है होता
आजादी का सूरज लाया था, तोपे भी उसके सामने नतमस्तक थी, आजादी का सूरज लाया था, तोपे भी उसके सामने नतमस्तक थी,
बेटियों के बिना परिवार के कोई रौनक नहीं होती बेटियों के बिना परिवार के कोई रौनक नहीं होती
थकना मना है अब, पास मैं तेरे। चलते जाना है तुझे बस चलते जाना है। थकना मना है अब, पास मैं तेरे। चलते जाना है तुझे बस चलते जाना है।
आजाद तुम्हारे हम सदा ही ऋणी रहेंगे। आजाद तुम्हारे हम सदा ही ऋणी रहेंगे।
अब तो किसान भी रहता आसानी से मुस्काये, अब तो किसान भी रहता आसानी से मुस्काये,
यही ज़माने का दस्तूर है जो आज पास है, वो कल दूर है। यही ज़माने का दस्तूर है जो आज पास है, वो कल दूर है।
पचायेंगे दूसरों की सफलताओं को सहन करना सीखेंगे खुद को पचायेंगे दूसरों की सफलताओं को सहन करना सीखेंगे खुद को
वाणी के विष-तीर ने जिसके कोमल मन पर वार किया हो, वाणी के विष-तीर ने जिसके कोमल मन पर वार किया हो,
एक वक़्त की रोटी नहीं खाने को फिर भी खेल दिखाने आया हूँ मैं एक वक़्त की रोटी नहीं खाने को फिर भी खेल दिखाने आया हूँ मैं
पतझड़ के बाद बड़ा सुंदर व आकर्षक मौसम आता, पतझड़ के बाद बड़ा सुंदर व आकर्षक मौसम आता,
मत होने दो बुराई अपने सामने, हर वक्त करो भलाई। मत होने दो बुराई अपने सामने, हर वक्त करो भलाई।