STORYMIRROR

Kumar Kishan

Classics

3  

Kumar Kishan

Classics

झोपड़ी के लोग

झोपड़ी के लोग

1 min
270

झोपड़ी में रहने वाले लोगों का

संसार अलग होता है

ख्वाबों में महल और

ख्वाबो में जन्नत होता है।


इनका हाल दूसरा क्या जाने

सिवा झोपड़ी वालों को छोड़कर

झोपड़ी में भले धन नहीं होता है

लेकिन, दुनिया को जिसकी

जरूरत है, वो सुख उसमें होता है।


झोपड़ी में एकता, प्रेम बसता है

ईर्ष्या, लालच बाहर खड़ा रहता है

झुग्गियों-झोपड़ियों से हमारी

गाँवों का निर्माण होता है।


तभी तो भारत

गाँवों का देश

कहलाता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics