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Sumit. Malhotra

Abstract Action

3  

Sumit. Malhotra

Abstract Action

जब साथ निभाए।

जब साथ निभाए।

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तन्हाई जब साथ निभाए, 

वो शादी-शुदा नारी आई। 


ख़्वाब की परी हमारी वो, 

पहली मुलाकात में उनसे। 


मोहब्बत प्यार हो गया था, 

तब दोनों नहीं हम जानते। 


दोनों ही तो शादी-शुदा थे, 

जब तक जाना हमने सच। 


प्यार बहुत ज़्यादा ही हुआ, 

वो बढ़ी और हम पीछे हुए। 


समाज के रीति रिवाजों से, 

उन्हें भी बचाना ज़रूरी था। 


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