जायज़
जायज़
बद लोग जायज़ है उन्हें
लेकिन क्यों बदनाम नहीं
रुतबे से मतलब है उन्हें
जो दे झूठी शान सही
झूठ कहना जायज़ है उन्हें
लेकिन क्यों बुरा अंजाम नहीं
तन हो जाए कामयाब चाहे
दिल - ए - नाकाम सही
गुनाह करना जायज़ है उन्हें
लेकिन क्यों इल्ज़ाम नहीं
मिल जाए बस शोहरत
चाहे खून बहे सस्ते दाम सही
खुशहाल सवेरा जायज़ है उन्हें
लेकिन क्यों गमगीन शाम नहीं
गहरे रिश्ते से है मतलब
चाहे समाज में गुमनाम सही
झुके सर जायज़ है उन्हें
लेकिन खुद करना सलाम नहीं
हो महफूज़ अपनी मुस्कान
चाहे सबकी हो जाए तमाम सही।