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Dhan Pati Singh Kushwaha

Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Inspirational

जारी है तव संघर्ष

जारी है तव संघर्ष

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अर्धशतक से अधिक बीत गए हैं तव आयु के वर्ष,

आदि से अब तक ही जारी है दुःखों से तव संघर्ष।


प्रायः मिलता है बचपन में सबको ही प्यार,

मगर था कुछ अधिक ही वृहद तव परिवार।

मध्यक्रम में ही था कुल में तव अवतरण हुआ,

तृण भर दुलार संग मिले हाय थे दायित्व अपार।

सहा हर कोई ही कष्ट हुआ न दुख कुछ भी नष्ट,

मन में रहा होगा यही विचार युवा हो पाऊंगी हर्ष।


अर्धशतक से अधिक बीत गए हैं तव आयु के वर्ष,

आदि से अब तक ही जारी है दुःखों से तव संघर्ष।


युवा हो भी तव मन के स्वप्न थे सदा ही अपूर्ण रहे ,

बालपन में थे हुए शुरू कष्ट वे अब भी थे गए सहे।

न अनुभव कर पाया वे अश्क जो आ न सके बाहर,

साथ में रक्त रूप वाले थे बहु अपमान के घूंट पिए।

माना विधि का इसे विधान जगाकर के मन में ये आस,

सुख मिलेगा जीवनसाथी संग खत्म हो जाएगा संघर्ष।


अर्धशतक से अधिक बीत गए हैं तव आयु के वर्ष,

आदि से अब तक ही जारी है दुःखों से तव संघर्ष।


साथ न छूटा बुरे दिनों का, एक न सच हुआ जो थे देखे सपने,

हुईं धूल धूसरित सब आशाएं,प्रयास सर्वश्रेष्ठ करके भी अपने।

स्वेद बहाया सच हों सपने ,कटु संघर्ष सतत् ही रखा था जारी,

निश्चित ही तो कल सुख आएगा,इस आशा में सब उम्र गुजारी।

संग रहकर भी न समझा तव संगी, थी कैसी तव किस्मत सारी?

अब तक जीवन दु:खमय है ,आशा है अब संतति दे सकेगी हर्ष


अर्धशतक से अधिक बीत गए हैं तव आयु के वर्ष,

आदि से अब तक ही जारी है दुःखों से तव संघर्ष।


नव ऊर्जा संग जीवन पथ पर, सदा संघर्ष रखा है तुमने जारी,

संतति तुमको सब सुख देगी,आशावादी शुभकामनाएं हमारी।

दु:ख से कभी न घबराना तुम, अनुकरणीय है प्रेरणा तुम्हारी,

सदा शिकार रहीं तुम भेदभाव की,जीतीं सदा तुम बिन तैयारी।

साहस-नियोजन और धैर्य की देवी, तुमने हिम्मत कभी न हारी,

श्लाघनीय रहा हर कदम तुम्हारा,संघर्ष भी सीखेगा तुमसे संघर्ष।


अर्धशतक से अधिक बीत गए हैं तव आयु के वर्ष,

आदि से अब तक ही जारी है दुःखों से तव संघर्ष।


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