जाने वाला साल
जाने वाला साल
कुछ मीठा कुछ दिखा रहा जाने वाला साल
केंद्र में स्थिर राज्य में बदल गई सरकार।
दौर रहा चुनाव का भाषणों का संसार।
तीन सौ सत्तर हट गई जीएसटी करे कमाल।
नागरिकता संशोधन बिल मचा रहा बवाल।
राम जी के पक्ष में आ गया अब न्याय
राम का मंदिर बने उनकी मिल गयी राय।
अपने कई बिछड़ गए नये -नये जन आये
नये पुरस्कारों ने देश का मान बढ़ाया
तो निर्भया जैसा कांड भी पुनः गया दुहराया
रब से यही है प्रार्थना अब यह दिन न आये
जो बीता सो बीत गया अब सद्बुद्धि आये।
