इतिहास नहीं बदला
इतिहास नहीं बदला
अभी रंग ही उतरा है इमारतों का
वो मार्ग नहीं बदला
भले ही घास उग गई हो
लेकिन श्मसान मेे नहीं बदला!!
देख किसी वीर राजा की
हवेली में जाकर
आवाज लगाती मा भारती है
दीवार गवाई दे रही
उतारी यहां खून से आरती है!!
कुरूक्षेत्र का मैदान नहीं बदला
चीख चीख कर तलवारें बोल रहीं
इस हवेली का अभी
इतिहास नहीं बदला!!
धड़ नहीं ते तन पर
तलवारे डोल रही थी
खून मेे मिलकर मिट्टी
मिट्टी बोल रही थी!!
झुका नहीं ये सर
चाहे सर कटा दिया
मिट्टी मेे पड़ा धड
जय भवानी बोल रही थी!!
लाल रंग रहा तलवारों का
ये रंग कभी नहीं बदला।
बदली नहीं धरातल की आन।
बदली नहीं वीरो की सान।
बदली नहीं वतन की माटी।
बदली नहीं मर्द की छाती।
बदली नहीं योद्धाओं की।
समसिरे।
बदली नहीं बलिदानियों की तस्वीरें !!
(आज क्या क्या बदल गया)
बदल गया फांसी का फंदा।
बदल गया हर एक बंदा।
बदल गई आजाद की गोली।
बदल गई भारत की बोली।
बदल गया वो जलियाबाग।
बदल गई बलिदानी राख।
बदल गया पुलिस का डंडा।
बदल गया भारत का झंडा।
बदल गई सभ्यता देश की।
बदल गई नारी भेस की।
बदल गई है शिक्षा देश की।
बदल गई है भिक्षा देश की।
