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Sulabh Mishra

Romance

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Sulabh Mishra

Romance

इश्क

इश्क

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लिखना बहुत था तेरे बारे में

अफसोस है लिख न पाया,

चांद निकला था उस रोज

मगर दिख न पाया,

तेरे चेहरे में कोई तो जादू है

देखा तो सभी ने,

कोई सीख न पाया,

तेरी याद तो आई बहुत तन्हा रातों में

रोया बहुत मैं,

मगर चीख न पाया।


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