STORYMIRROR

Priyanka Gupta

Romance

4  

Priyanka Gupta

Romance

इंतज़ार अब और नहीं

इंतज़ार अब और नहीं

1 min
192

पल दिनों में बदले, 

दिन बदले हफ़्तों में,

हफ्ते महीनो में और, 

महीने सालों में, 

तुम्हारे अल्फाजों का, 

किया मैंने इंतज़ार, 

लेकिन तुमने कभी कुछ कहा नहीं,

तुम्हारी ख़ामोशी ही है तुम्हारा उत्तर, 

अब और कोई तुमसे प्रश्न नहीं, 

ज़िन्दगी ठहरती नहीं, 

अब और मैं रुक सकती नहीं, 

इंतज़ार अब और नहीं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance