इंतिजार है तेरा
इंतिजार है तेरा
अब नहीं तेरा उसको ही इंतिजार है
तू भुला दे उसे दिल से अब यार है
शहर जाकर करे क्या उसके अब मगर
अब रहा उसको तुझसे नहीं प्यार है
वो नज़र मिलता है प्यार की और कहीं
देखले वो नहीं तेरा दिलदार है
भूल जा तू वादे प्यार के अब सभी
कर गया वो पराया तेरा प्यार है
भूल जा तू उसे उम्रभर के लिए
और कहीं तेरा दिलदार बेक़रार है
फूल जिसको दिया प्यार का आज़म नें
कर गया वो नफ़रत के बहुत वार है.
आज़म नैय्यर उत्तर प्रदेश