इंसानियत
इंसानियत


जो किसी धर्म को न माने
किसी जाती को न माने
हर इंसान को इंसानियत
के चश्मे से देखता है
वही सही मायनों में
इंसान कहलाता है
जो कभी दिल मे कोई
भेदभाव नहीं रखता है
हर मजहब के लिए दिल में
बराबर आदर व सम्मान रखता है
हर किसी से प्यार करता है
और निभाता है वही
इंसानियत का फर्ज निभाकर
इंसान कहलाता है