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Banita Lall

Romance

4.6  

Banita Lall

Romance

इक ख्वाहिश

इक ख्वाहिश

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इक केवल तुम्हारे होने, से सब पूरा है,

बिन तुम्हारे, सब अधूरा है,


तुम हो तो सब अच्छा है,

तुम हो तो, झूठ भी सच्चा है,


हर पल रहता है, तुम्हारा ही ख्याल

न जाने कैसे हुआ ये, खुद से है सवाल,


पर इक दुआ करती हूँ, उसी पल कि ऐ खुदा

ना लाना वो पल, जो हो जाओ तुम मुझसे जुदा,


नहीं अंदाज़ा तुम्हें, क्या अहमियत है तुम्हारी,

तुम्हारा मेरी ज़िन्दगी में आना, है उपरवाले की रहमत न्यारी,


इक ख्वाहिश है, तुम्हें अपना बनाने की

तुम्हारा नाम, अपने नाम के साथ लगाने की,


हर रूकावट, पार कर जाने की

हर वो उल्झन, सुलझाने की,


इस जनम में नहीं, तो किसी और में ही सही,

इक ख्वाहिश है, तुम्हे अपना बनाने की...


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