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चौधरी राजीव डोगरा

Tragedy

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चौधरी राजीव डोगरा

Tragedy

ईश्वर की आवाज

ईश्वर की आवाज

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जो आया मेरे दर पर

बस कुछ न कुछ मांगने आया।

पर कभी मांगा न मुझे

न मांगा मेरा प्रेम तत्व मुझसे।

बस हताश रहा

मुक्ति के लिए,

और परेशान रहा

अपनी इच्छाओं के लिए।

बस ढूंढता रहा

लोगों में कमियां,

न तलाशा की

उनकी आत्मा में

मेरी अभिव्यक्ति।

अपनी घर की चारदीवारी की तरह

मुझे भी बांटता रहा,

कभी मंदिर,कभी मस्जिद

कभी गिरजाघर के रूप में।



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