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AVINASH KUMAR

Inspirational

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AVINASH KUMAR

Inspirational

हत्यारे

हत्यारे

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ये दुनिया ये समाज ये जाति पाति

हांँ हाँ, ये सभी हैं मेरे प्रेम के हत्यारे

सबसे मैने की मिन्नतें सब से की फरियाद

मेरा प्यार मुझे दे दो रखूंगा जीवन भर याद।

पर निष्ठुर समाज जाति पाति के

आडम्बर में था जकड़ा हुआ,

मुझे तड़पता छोड़ उसे गैर का किया।

अब मै सोचता हूँ क्या है समाज ,

क्युं है ये समाज,

जो बस बेबस करता है,

सच्ची भावनाओं को भी ये समाज क्युं नही सहन करता है?

एक आक्रोश पनपता मन में फिर 

व्यथित हृदय ये लिखता है,

मिलना सहज नहीं है ये प्रेम

प्रेम को लिखता है।


अफसानों से परदा हटा दो

प्यार को प्यार से मिला दो,

धरती बन जायेगी खूबसूरत

खुदा की हो जायेगी रहमत,

आओ सब मिलकर कसम खाएं

सच्ची भावनाओ को अपनाएं, 

अनजाने मे भी किसी के देखो

ना बन जाएं हत्यारे प्रेम के,

प्रेम जब फूलेगा फलेगा

तभी यह विश्व संवरेगा।


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