हथकड़ी या फंसी का फंदा
हथकड़ी या फंसी का फंदा
हथकड़ी या फांसी का फंदा
बिषाणु या आफत समझ न पाये लोग।
कहर इतना विरान गावँ शहर गली मोहल्ला ।
युद्ध लड़ रहा विश्व बिन
हथियार तोपबारूदगोला।
हाय रे कोरोना ,हाय रे कोरोना,
मुश्किल किया है जीना।
इंसानो की खुशियों पर आफत का
परमाणु बम कोरोना।
दुनिया का हर शख्स चाहता है
जानना आया कहाँ से कहर कोरोना।
क़ोई काट हथियार नहीं
सिर्फ बचा है हद जद में रहना।
हद इंसान का तय कर रहा का करोना।
आपा, धापी, भागम भाग को
पूर्ण विराम कर रहा कोरोना।
एक बात तो ख़ास है भारत का
संस्कृति संस्कार बता रहा कोरोना।
ना कोईं दावा है
अट्टहास कर रहा कोरोना।
दहसत के इस दम्भ विषाणु से
चाहते हो गर बचना।
स्वछ रखों हाथ मुहँ नाक पर बांधो
मास्क एक दूजे से दूरी रखना।
आये खांसी बढ़ जाए शादीर् का ताप
सांसों में परेशानी हो बिना
बिलम्ब के जाओ वैद्य के पास।
खासियत है कोहराम कोरोना कि जीना
मारना जिंदगी बचना तीनो ही आसान।
संक्रामक संक्रमण के
आक्रमण के नहीं घातक घाव।
बिना दर्द, दंश के आदमी मर जाय
महामारी के युद्ध से लड़ते
सैनिक खाकी वर्दी में रक्षक।
खड़े नगर, गली, मोहल्ले,
नुक्कड़ चौराहों पर दिन रात।
हर जीवन कि रक्षा में विनम्र
भाव से देते नेक सलाह।
कहीं कभी मानव मानवता के
शत्रु जाते इनसे भी टकरा।
आत्म घात के हुज़ूम से पड़
जाती आफत में सबकी जान।
देश समाज के इस हालात
इंसानों के परवर्दीगार।
वैद्य ,डॉक्टर है भगवान
अपने परिवार का बिना किये परवाह।
आफत की इस बेला में जन
जीवन के आशा और विश्वास।
काल कराल के हाहाकार के महायुद्ध में
लड़ रहे युद्ध हर जीवन के
जीने का करते जतन उपाय।
यद्यपि क़ोई दावा नहीं फिर भी करते हर
सार्थक सक्षमता से हर जीवन का बचाव।
इस महामारी के महा योद्धा आशाओं के कर्णधार
स्वच्छ देश समाज ,स्वस्थ देश राष्ट्र सत्य
सार्थक नर में नारायण पृथ्वी पर्यावरण के बाराह।
स्वछता महामारी के
महा युद्ध के शत्र शास्त्र कि धार।
महामारी के इस दौर में देश बसा है घर घर में
आवश्यक सेवा का सेवक जा रहा है दर दर पे
हर आवशयक आवश्यकता को पूरित करते
विपरीत परिस्तिति में महामारी के
जंग के जाँबाज है जज्बे जैसे।
हम सबका दायित्व यही है इस
महा युद्ध के हर योद्धा का सम्मान करे।
इनके परिवार कि खुशहाली अमन चैन
कि दिल से इबादत दुआ करे।
अभिनन्दन है महा युद्ध के हर योद्धा
का ईश्वर इनकी चाहत का मान धरे।
नेतृत्व राष्ट्र के सक्षम सारथि का आवाहन
हम सब मिलकर आत्म साथ करें।
नर ही है नरेंद्र, नरोत्तम, पुरुषोत्तम,
सर्वोत्तम ,दृढ़ प्रतिज्ञ निश्चित निश्चय।
फौलाद भारत के स्वाभिमान माँ भारती कि
त्याग तपश्या कि औलाद के अभ्युदय का आभार करे।
भारत इस महामारी के महायुद्ध
का श्रेष्ठ विजेता होने वाला है।
विश्व मानवता को संदेश नया देने वाला है
विश्व गुरु की गरिमा कि मर्यादा का मान बढेगा।
धैर्य धीर से हार जाएगा
महामारी का विषाणु।
महायुद्ध का विजेता महानायक
भारत वर्तमान भविष्य का
शानदार करेगा निर्माण।