हथेली का चाँद
हथेली का चाँद
तुम्हारे हाथों में एक चाँद देखा था मैंने
जिसे तुम हर रात देख कर सोती थी।
क्या अब भी तुम
अपने हाथ की लकीरें देखती हो
सोने से पहले ?
ज़रा देखो,
उसमें एक चाँद डूब गया होगा...!
तुम्हारे हाथों में एक चाँद देखा था मैंने
जिसे तुम हर रात देख कर सोती थी।
क्या अब भी तुम
अपने हाथ की लकीरें देखती हो
सोने से पहले ?
ज़रा देखो,
उसमें एक चाँद डूब गया होगा...!