हरियाली
हरियाली
हरियाली होगी जब कानन में
खुशहाली होगी तब आंगन में
पेड़ पौधे से रखिए स्नेह
छाएगें बादल बरसेंगे मेह
पादप में भी जीवन होते हैं
कटने पर वे भी रोते हैं
सुख छाया का देते जो वरदान
क्यों लेते हम उनकी जान
सूरज की तपन मार बढ़ेगी
दूषित हवा से हाहाकार बढेगी
मन खुश होता बैठ उपवन में
खुशहाली होगी तब मन में
रोके ध्वनी प्रदुषण, धरा अपरदन
कृषक हर्षित गगन मेघ आच्छादन
नभचर का जीसके गोद निवास
करते कलरव पंछी आकाश
नाश से इनका क्या मिलेगा तेरे दामन में
पेड़ों से ही खुशहाली होगा घर आंगन में।