हर जगह तो हम हैं
हर जगह तो हम हैं
दिवाली के दिये हम हैं,
उड़ती पतंग की डोर हम हैं,
होली की रंगिनियत हम हैं,
हर जगह तो हम हैं...
सूरज की लालिमा हम हैं,
चाँद की शीतलता हम हैं,
शाम की शालीनता हम हैं,
हर जगह तो हम हैं...
शर्दियों के प्रहरों में हम हैं,
ग्रीष्म की हवाओं में हम हैं,
बारिश की फिजाओं में हम हैं,
हर जगह तो हम हैं...
पंछी के कंठो में हम हैं,
तितली की सुंदरता हम हैं,
सरिता की जलराशि हम हैं,
हर जगह तो हम हैं...
जीवन के हर पहलू में हम हैं,
जीवन के हर पल में जम हैं,
जीवन के भी जीवन हम हैं,
हर जगह तो हम हैं...
कैसे भूलोगे हमे ??