हर दिन, ख़ास दिन
हर दिन, ख़ास दिन
आज कुछ खास है?
क्या मुझे पता नहीं है?
पता लगाया तो मालूम पड़ा
आज "मर्दस डे" है ।
अरे मा का कोई दिन क्या?
सारा दिन तो बस उसी का ही है
सुबह-शाम तो लगी रहती है
भला उसके लिए दिन बचता भी है? ।।
आज नहीं, रोज़ बताना मा को
कि तु कितनी ख़ास है
हर वह एक पल का
तु जादुई वह चिराग़ है ।।
कुछ खास दिन नहीं चाहिए
दिन तो तेरी वज़ह से ख़ास होती है
वह जिंदगी नहीं बस जीवन होता है
जब तू आस पास नहीं रहती है।