होश
होश
जब से होश संभाला हूं
हुआ बेहोश कई बार
लड़खड़ाया डगमगाया
गिरते गिरते बचा कई बार
ऐसी बात नहीं
कि मैं सुध बुध खोया था
लंगड़ कौन मार रहा था
उसको भी मैं देखा था
पर मैं मौन रहा
चुपचाप देखता रहा
आज उपर वाले ने
उनको लंगड़ मारा है
मैं आज भी मौन हूं
और वो .........?
