होली
होली


होली तो प्रतीक है,
सशक्त महिला रंग का,
बुराई पर अच्छाई की विजय का ।
गली गली जलती है होलिकाएँ,
तब जाकर आता है नंबर रंग का,
जो प्रतीक है बुराई पर अच्छाई की विजय का ।
आज के दौर में होली के रंग बिखर गए हैं,
बलात्कार और छेड़- छाड़ की सिसक में बदल गए हैं ।
जलाई जा रही हैं महिलाएं,
न्याय करने वाले उस आग में अपने हाथ सेंक रहे है ।
आओ हम सब मिल कर इस होली एक प्रयास करें,
फिर से उसी रंग और मिष्ठान वाली होली का आगाज़ करें ।
पीड़ित महिलाओं का सहयोग करें,
सशक्तिकरण से उनकी नीव का रंग पक्का करें ।
समाज की गन्दगी को साफ़ करने की एक पहल करें,
फिर से होली को चीखो की पुकार से रंगो का त्यौहार बनाने की कोशिश करें ।