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Chhavi Srivastava

Abstract

4.5  

Chhavi Srivastava

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होली

होली

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होली तो प्रतीक है,

सशक्त महिला रंग का,

बुराई पर अच्छाई की विजय का ।


गली गली जलती है होलिकाएँ,

तब जाकर आता है नंबर रंग का,

जो प्रतीक है बुराई पर अच्छाई की विजय का ।


आज के दौर में होली के रंग बिखर गए हैं,

बलात्कार और छेड़- छाड़ की सिसक में बदल गए हैं ।

जलाई जा रही हैं महिलाएं,

न्याय करने वाले उस आग में अपने हाथ सेंक रहे है ।


आओ हम सब मिल कर इस होली एक प्रयास करें,

फिर से उसी रंग और मिष्ठान वाली होली का आगाज़ करें ।

पीड़ित महिलाओं का सहयोग करें,

सशक्तिकरण से उनकी नीव का रंग पक्का करें ।

समाज की गन्दगी को साफ़ करने की एक पहल करें,

फिर से होली को चीखो की पुकार से रंगो का त्यौहार बनाने की कोशिश करें ।


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