होली के रंग, पिया संग
होली के रंग, पिया संग
आसमां में आज, उड़ा है रंग गुलाल।
छू कर गालों को मेरे, कर गया लाल।।
इन रंगों में रंगी, बाट जोह रही तुम्हारी।
बदरंग तुम बिन फाल्गुन, तुमने चुराई नींद हमारी।।
फाल्गुन में निकली, मतवालों की टोली।
मैं तो खेलूँ तुम संग, प्यार की होली।।
चढ़े न मुझ पर कोई हरा, गुलाबी, पीला रंग।
प्यार के रंग में रंगा, मनवा और मेरा अंग अंग।।
होली में तुम सब, खेलूँ आँख मिचौली।
तुम बन जाओ कान्हा, मैं भी राधा सी हो ली।।
राधा-कृष्ण सा प्रेम रचकर, मेरे हमजोली।
आओ खेले संग-संग अबके बरस ये होली।।

