होली गीत रंग बरसे , मन हर्षे .....2
होली गीत रंग बरसे , मन हर्षे .....2
लाल लगाऊँ लाड़ जताऊँ
पीला लगा के रीति मनाऊँ
रंग बरसे....।
घर आंगन सब हरा होय
तन- मन- धन सब खोय
रंग बरसे......।
गेहूँ चना की बाली हँसती
ढोल बजे से वो भी झूमती
रंग बरसे......।
ताली दे दे हँसत किसनवा
मोर कंठ से गिर गयो हरवा
रंग बरसे...।
ढोल पीट मृदंग बजावे
भाग घोट कछु ऐसे चढ़ावे
रंग बरसे.....।
गन्ना भूनें संकल्पों में
ऐसी रहे मिठास दिलों में
रंग बरसे....।
होली जले चौराहों पर
प्रह्लाद भक्त की बोली पर
रंग बरसे...।
भक्तों की जय में हो जय
सच्चाइयों का न हो भय
रंग बरसे...।