हनुमान जन्मोत्सवविधा - ऊं
हनुमान जन्मोत्सवविधा - ऊं
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सम्पूर्ण रामायण
हे
सीते
तू मेरी
अलौकिक
शक्ति है मैंने
वन जाना और
पुल को बनाना
लक्ष्मण के प्राण को
बचाना लंकेश और
वाली वध करना बस तेरा
साथ पाकर किया और
मेरे साथ कृपासिंधु
की कृपा थी उस
परम पिता को
कोटि-कोटि
प्रणाम
कर
रहा
हूं
ऊं