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Manju Garg

Inspirational

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Manju Garg

Inspirational

हमारे त्यौहार

हमारे त्यौहार

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सावन गरजे गड़ - गड़ करके

भादों बरसे झम झम करके

हम नाचें गाएँ शोर मचायें

त्यौहारों की आस बढ़ाएँ।


रक्षाबंधन की हो रही तैयारी

बहनों को बांधना है दिल से राखी।


जन्माष्टमी की रात होती है काली

पर कन्हैया के आगमन की होती पूरी तैयारी।


विघ्नहरता के स्वागत में लग जाते हैं

दस दिन के उत्सव में सब मस्त हो जाते हैं।


पितृ पक्ष में पितृों को चढ़ाते तिल और पानी

नवरात्रों में पूजी जाती जगदंबे रानी l


शरद और कार्तिक पूर्णिमा होती है खास

अमृत वर्षा और आशीर्वाद की रहती है आस ।


दीपों की क़तार से सजती बड़ी दीवाली

तुलसी विवाह की प्रथा सबको लगती निराली। 


 दे जाते त्यौंहार ख़ुशियाँ ढेर सारी

आते है जब भी सब त्यौहार बारी- बारी।



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