मेरे प्रिय पूज्य पिता
मेरे प्रिय पूज्य पिता
हे परम प्रिय पुज्य पिताजी
तेरे चरण स्पर्श मैं करता हूँ।
तेरे नाम में मेरा नाम जुड़ा
तुझ से ही है अभिमान मेरा।
तू ही मेरा पlलनहार
तू ही मेरा जन्म आधार।
तेरे स्पर्श में अद्भुत प्यार
करता तू जीवन का संचार।
नहीं रुकना, है आगे बढ़ना
यही पाठ सिखाया है।
नहीं कभी दुखों से घबराना
निर्भीक रह डटे रहना कर दिखाया है।
निडर हो कर्तव्य निभाना
यही पाठ पढ़ाया है।
हर पग मेरा साथ दिया है
रक्षकवच बन वादा निभाया है।
तेरी आकांक्षाओं पर उतरूँ खरा
तू मेरी ख़ातिर कष्टों से लड़ा।
आकांक्षाओं पर तेरी उतरूँ खरा।
करूँ तेरा मैं नाम रोशन
बन जाऊँ तेरा आभूषण।
तुझ बिन न मैं जी पाऊँ
तुझ जैसा मैं भी बन जाऊँ।
आज तुझे एक बlत बतलाऊँ
तुझे ही अपना आदर्श बताऊँ।
तूने जीवन का अर्थ समझाया
पुरुषार्थ का फ़लसफ़ा कराया।
