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Dr Narendra Kumar Patel

Abstract Inspirational

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Dr Narendra Kumar Patel

Abstract Inspirational

हम किसान के बेटे हैं

हम किसान के बेटे हैं

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हम किसान के बेटे हैं

मिट्टी में सपने बोते हैं

पूस की ठंडी रातों में

अक्सर मेड़ों पर सोते हैं !

हम किसान.....


तुम ए०सी० कमरों में बैठे

फसलों का मूल्य लगाते हो

बाढ़ में बह जाती फसलें

हम सब खेतों में रोते हैं !

हम किसान.....


सावन की बौछारों से

फसलों की हरियाली है

अन्न की लालच है अपनी

हम जेठ की गर्मी सहते हैं !

हम किसान.....


शहरी कचरों उद्योगों से

तुम प्रदूषण करते हो

जल गयी पराली थी मुझसे

उसका जुर्माना भरते हैं !

हम किसान......


समर्थन मूल्य दिखावा है

या अपनों की लाचारी है

मूल्य मिला व्यापारी को

हम अपनी हत्या करते हैं !

हम किसान..


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