हम है हिंदुस्तानी
हम है हिंदुस्तानी
हम है हिंदुस्तानी
भाषा हमारी हिन्दी है
प्राचीन से आधुनिकता तक
यह जन जन को प्यारी है
मधुरता, सरसता इसमें ऐसे है समाई
जन जन के अन्तर्मन को युगों युगों तक है भाई
हिंदी भाषा आगे बढ़ती रहे
यूँ ही फलती फुलती रहे
हिंदी के माथे के बिंदी
यूंँ ही सजी सवरी रहे
ऋषि मुनियों ने दी अमूल्य धरोहर
चारो दिशा में इसका ही डंका बजे
यही मेरी अभिलाषा है
ऐसी आकर्षण शक्ति इसमें
देशी हो या विदेशी हर
कोई इसको अपनाता है
प्यार से गले लगाता है
हिंदी भाषा की अपनी
एक अलग पहचान है
दुनिया भर में इसका सर्वोपरि स्थान है
गर्व से बोले हम हिंदुस्तानी
और हिंदी भाषा ही हमारी जननी
हिंदी के माथे की बिंदी यूंँ ही बरकार रहे
यही मेरी अभिलाषा है
हम है हिंदुस्तानी
और भाषा हमारी हिंदी है
हम तो सदैव यही चाहे
जन्मोजन्म तक हिंदी ही विद्यमान रहे।।