हे आदिशक्ति शेरावाली
हे आदिशक्ति शेरावाली
हे आदिशक्ति शेरावाली
तू अंबे तू ही भवानी
तू दुर्गा और तू ही है काली
जाता तेरा वार न खाली
तू ही दीन दुखियों का सहारा है
भव सागर से तूने ही पार उतारा है
चंड मुंड हो या हो भैरो
सब दुष्टों का तूने संहार किया
जब जब बड़ा पाप धरती पर
तब तब तूने नव अवतार धारण किया
हम सबका बस तू ही एक सहारा है
तेरी शरण में जो जाता
मिलता उसको किनारा है
दर से तेरे कोई जाए न खाली
जब भी दिल से तुझे किसी ने पुकारा है
हे आदिशक्ति शेरावाली
तू अंबे तू ही भवानी
चरणों में तेरे मैं मस्तक धरूं
पुष्प तुम्हें अर्पण करूं
हर पल सिमरन में तेरा करूं
तू ही तो भाग्य विधाता है
दुख तकलीफें हरने वाली है
हे आदिशक्ति शेरावाली
तू दुर्गा तू ही है काली